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एहसान साक़िब शायरी | शाही शायरी

एहसान साक़िब शेर

1 शेर

याद आई जब मुझे 'फ़रहत' से छोटी थी बहन
मेरे दुश्मन की बहन ने मुझ को राखी बाँध दी

एहसान साक़िब