यारब तू मुझे मेरे गुनाहों की सज़ा दे 
या मुझ को गुनाहों के लिए अपनी रज़ा दे
दीप्ति मिश्रा
    टैग: 
            | 2 लाइन शायरी   |
    
                 
                1 शेर
यारब तू मुझे मेरे गुनाहों की सज़ा दे 
या मुझ को गुनाहों के लिए अपनी रज़ा दे
दीप्ति मिश्रा