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दीप्ति मिश्रा शायरी | शाही शायरी

दीप्ति मिश्रा शेर

1 शेर

यारब तू मुझे मेरे गुनाहों की सज़ा दे
या मुझ को गुनाहों के लिए अपनी रज़ा दे

दीप्ति मिश्रा