सावन की रुत आ गई खिले कँवल के फूल
कलियों के मुखड़े धुले अड़ी चमन के धूल
बीएस जैन जौहर
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सावन की रुत आ गई खिले कँवल के फूल
कलियों के मुखड़े धुले अड़ी चमन के धूल
बीएस जैन जौहर