सुबूत बर्क़ की ग़ारत-गरी का किस से मिले
कि आशियाँ था जहाँ अब वहाँ धुआँ भी नहीं
अज़हर सईद
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सुबूत बर्क़ की ग़ारत-गरी का किस से मिले
कि आशियाँ था जहाँ अब वहाँ धुआँ भी नहीं
अज़हर सईद