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अज़हर सईद शायरी | शाही शायरी

अज़हर सईद शेर

1 शेर

सुबूत बर्क़ की ग़ारत-गरी का किस से मिले
कि आशियाँ था जहाँ अब वहाँ धुआँ भी नहीं

अज़हर सईद