ख़्वाबों की तरह आना ख़ुशबू की तरह जाना 
मुमकिन ही नहीं लगता ऐ दोस्त तुझे पाना
अतहर शकील
    टैग: 
            | 2 लाइन शायरी   |
    
                 
                1 शेर
ख़्वाबों की तरह आना ख़ुशबू की तरह जाना 
मुमकिन ही नहीं लगता ऐ दोस्त तुझे पाना
अतहर शकील