दुआएँ कीजिए ग़ुंचों के मुस्कुराने की
अभी उमीद है बाक़ी बहार आने की
अशोक साहनी साहिल
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दुआएँ कीजिए ग़ुंचों के मुस्कुराने की
अभी उमीद है बाक़ी बहार आने की
अशोक साहनी साहिल