EN اردو
अशोक साहिल शायरी | शाही शायरी

अशोक साहिल शेर

2 शेर

दिल की बस्ती में उजाला ही उजाला होता
काश तुम ने भी किसी दर्द को पाला होता

अशोक साहिल




उर्दू के चंद लफ़्ज़ हैं जब से ज़बान पर
तहज़ीब मेहरबाँ है मिरे ख़ानदान पर

अशोक साहिल