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अरशद काकवी शायरी | शाही शायरी

अरशद काकवी शेर

1 शेर

जाने शब को क्या सूझी थी रिंदों को समझाने आए
सुबह को सारे मय-कश उन को मस्जिद तक पहुँचाने आए

अरशद काकवी