मैं हर दीवार के दोनों तरफ़ यूँ देख लेता हूँ
मिरा ही दूसरा हिस्सा पस-ए-दीवार हो जैसे
अंजुम नियाज़ी
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मैं हर दीवार के दोनों तरफ़ यूँ देख लेता हूँ
मिरा ही दूसरा हिस्सा पस-ए-दीवार हो जैसे
अंजुम नियाज़ी