बस इतना याद है तुझ से मिला था रस्ते में
फिर अपने आप से रहना पड़ा जुदा बरसों
अल्ताफ़ परवाज़
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बस इतना याद है तुझ से मिला था रस्ते में
फिर अपने आप से रहना पड़ा जुदा बरसों
अल्ताफ़ परवाज़