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अल्ताफ़ परवाज़ शायरी | शाही शायरी

अल्ताफ़ परवाज़ शेर

1 शेर

बस इतना याद है तुझ से मिला था रस्ते में
फिर अपने आप से रहना पड़ा जुदा बरसों

अल्ताफ़ परवाज़