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अली यासिर शायरी | शाही शायरी

अली यासिर शेर

1 शेर

रिज़्क़ जैसा है मुक़द्दर में लिखा होता है
फ़न किसी शख़्स की जागीर नहीं हो सकता

अली यासिर