रिज़्क़ जैसा है मुक़द्दर में लिखा होता है
फ़न किसी शख़्स की जागीर नहीं हो सकता
अली यासिर
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रिज़्क़ जैसा है मुक़द्दर में लिखा होता है
फ़न किसी शख़्स की जागीर नहीं हो सकता
अली यासिर