ये कौन वक़्त की सूरत मुझे बदलता है
ये क्या किसी के लिए कुछ हूँ कुछ किसी के लिए
ऐन सलाम
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
1 शेर
ये कौन वक़्त की सूरत मुझे बदलता है
ये क्या किसी के लिए कुछ हूँ कुछ किसी के लिए
ऐन सलाम