EN اردو
अहसन शफ़ीक़ शायरी | शाही शायरी

अहसन शफ़ीक़ शेर

1 शेर

गर्म-ए-सफ़र है गर्म-ए-सफ़र रह मुड़ मुड़ कर मत पीछे देख
एक दो मंज़िल साथ चलेगी पटके हुए क़दमों की चाप

अहसन शफ़ीक़