EN اردو
अबसार अब्दुल अली शायरी | शाही शायरी

अबसार अब्दुल अली शेर

2 शेर

अपने दिल में आप ही रहता है वो
दूसरा क्या उस में रह सकता नहीं

अबसार अब्दुल अली




वक़्त-ए-रुख़्सत भीगती पलकों का मंज़र याद है
फूल सी आँखों में शबनम की नमी अच्छी लगी

अबसार अब्दुल अली