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ज़िंदगी हमारे लिए कितना आसान कर दी गई है | शाही शायरी
zindagi hamare liye kitna aasan kar di gai hai

नज़्म

ज़िंदगी हमारे लिए कितना आसान कर दी गई है

अफ़ज़ाल अहमद सय्यद

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ज़िंदगी हमारे लिए कितना आसान कर दी गई है
हम किसी भी रिआयती फ़रोख़्त में

किताबें
कपड़े जूते

हासिल कर सकते हैं
जैसा कि गंदुम हमें इमदादी क़ीमत पर मुहय्या की जाती है

अगर हम चाहें
किसी भी कार-ख़ाने के दरवाज़े से

बच्चों के लिए
रद-कर्दा बिस्कुट ख़रीद सकते हैं

तमाम तय्यारों रेल-गाड़ियों बसों में हमारे लिए
सस्ती नशिश्तें रखी जाती हैं

अगर हम चाहें
मामूली ज़रूरत की क़ीमत पर

थिएटर में आख़िरी क़तार में बैठ सकते हैं
हम किसी को भी याद आ सकते हैं

जब उसे कोई और याद न आ रहा हो