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ज़िद | शाही शायरी
zid

नज़्म

ज़िद

परवीन शाकिर

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मैं क्यूँ उस को फ़ोन करूँ!
उस के भी तो इल्म में होगा

कल शब
मौसम की पहली बारिश थी!