EN اردو
तू मुझे इतने प्यार से मत देख | शाही शायरी
tu mujhe itne pyar se mat dekh

नज़्म

तू मुझे इतने प्यार से मत देख

अली सरदार जाफ़री

;

तू मुझे इतने प्यार से मत देख
तेरी पलकों के नर्म साए में

धूप भी चाँदनी सी लगती है
और मुझे कितनी दूर जाना है

रेत है गर्म पाँव के छाले
यूँ दहकते हैं जैसे अंगारे

प्यार की ये नज़र रहे न रहे
कौन दश्त-ए-वफ़ा में जलता है

तेरे दिल को ख़बर रहे न रहे
तू मुझे इतने प्यार से मत देख