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तुम्हें किस ने कहा था | शाही शायरी
tumhein kis ne kaha tha

नज़्म

तुम्हें किस ने कहा था

मोहसिन नक़वी

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तुम्हें किस ने कहा था
दोपहर के गर्म सूरज की तरफ़ देखो

और इतनी देर तक देखो
कि बीनाई पिघल जाए

तुम्हें किस ने कहा था
आसमाँ से टूटती अंधी उलझती बिजलियों से दोस्ती कर लो

और इतनी दोस्ती कर लो
कि घर का घर ही जल जाए

तुम्हें किस ने कहा था
एक अनजाने सफ़र में

अजनबी रहरव के हमरा दूर तक जाओ
और इतनी दूर तक जाओ

कि वो रस्ता बदल जाए