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तिरे प्यार का नाम | शाही शायरी
tere pyar ka nam

नज़्म

तिरे प्यार का नाम

अली सरदार जाफ़री

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दिल पे जब होती है यादों की सुनहरी बारिश
सारे बीते हुए लम्हों के कँवल खिलते हैं

फैल जाती है तिरे हर्फ़-ए-वफ़ा की ख़ुश्बू
कोई कहता है मगर रूह की गहराई से

शिद्दत-ए-तिश्ना-लबी भी है तिरे प्यार का नाम