दिल पे जब होती है यादों की सुनहरी बारिश
सारे बीते हुए लम्हों के कँवल खिलते हैं
फैल जाती है तिरे हर्फ़-ए-वफ़ा की ख़ुश्बू
कोई कहता है मगर रूह की गहराई से
शिद्दत-ए-तिश्ना-लबी भी है तिरे प्यार का नाम
नज़्म
तिरे प्यार का नाम
अली सरदार जाफ़री
नज़्म
अली सरदार जाफ़री
दिल पे जब होती है यादों की सुनहरी बारिश
सारे बीते हुए लम्हों के कँवल खिलते हैं
फैल जाती है तिरे हर्फ़-ए-वफ़ा की ख़ुश्बू
कोई कहता है मगर रूह की गहराई से
शिद्दत-ए-तिश्ना-लबी भी है तिरे प्यार का नाम