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तस्वीर-ए-रहमत | शाही शायरी
taswir-e-rahmat

नज़्म

तस्वीर-ए-रहमत

तिलोकचंद महरूम

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तिरी तौक़ीर से तौक़ीर-ए-हस्ती है गुरु-नानक
तिरी तनवीर हर ज़र्रे में बस्ती है गुरु-नानक

तिरी जागीर में इरफ़ाँ की मस्ती है गुरु-नानक
तिरी तहरीर औज-ए-हक़-परस्ती है गुरु-नानक

तिरी तस्वीर से रहमत बरसती है गुरु-नानक
ज़ुहूरिस्तान-ए-रहमत है कि ये तस्वीर है तेरी

कोई नक़्श-ए-हक़ीक़त है कि ये तस्वीर है तेरी
अयाँ सुब्ह-ए-सआ'दत है कि ये तस्वीर है तेरी

दिल-ए-मुज़्तर की राहत है कि ये तस्वीर है तेरी
तिरी तस्वीर से रहमत बरसती है गुरु-नानक