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तलाश | शाही शायरी
talash

नज़्म

तलाश

ख़दीजा ख़ान

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हसरतों की प्यास
ले जाएगी कहाँ कहाँ

सहराओं में
समुंदर में

नीले खुले अम्बर में
छान मारी ख़ाक

ज़मीं से आसमाँ तक
जिस्म से जाँ तक

यही तलाश
क़ाएम रखेगी

वजूद दुनिया का
ता-क़यामत

सफ़र हयात का
हैवान से इंसाँ तक