रात इक रंग है इक राग है इक ख़ुश्बू है
मेहरबाँ रात मिरे पास चली आएगी
रात का नर्म तनफ़्फ़ुस मुझे छू जाएगा
दूधिया फूल चम्बेली के महक उठेंगे
रात के साथ मिरा ग़म भी चला आएगा

नज़्म
सोच
फ़हमीदा रियाज़
नज़्म
फ़हमीदा रियाज़
रात इक रंग है इक राग है इक ख़ुश्बू है
मेहरबाँ रात मिरे पास चली आएगी
रात का नर्म तनफ़्फ़ुस मुझे छू जाएगा
दूधिया फूल चम्बेली के महक उठेंगे
रात के साथ मिरा ग़म भी चला आएगा