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jinhen main DhunDhta tha aasmanon mein zaminon mein wo nikle mere zulmat-KHana-e-dil ke makinon mein
नज़्म
असलम आज़ाद
मेरा वजूद दीवार-ए-संग-ओ-आहन है जिसे रात भर याजूज और माजूज अपनी नोकीली ज़बान से चाटते रहते हैं