मोहब्बत आश्ना लम्हे
छुपाए इक अजब सा
कर्ब लहजे में
मुझी से पूछते हैं ये
अगर हर ख़्वाब की क़िस्मत में
मर जाना ही लिक्खा है
तो आँखें देखती क्यूँ हैं
नज़्म
सवाल
हुमैरा राहत
नज़्म
हुमैरा राहत
मोहब्बत आश्ना लम्हे
छुपाए इक अजब सा
कर्ब लहजे में
मुझी से पूछते हैं ये
अगर हर ख़्वाब की क़िस्मत में
मर जाना ही लिक्खा है
तो आँखें देखती क्यूँ हैं