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रौशन दिल वालों के नाम | शाही शायरी
raushan dil walon ke nam

नज़्म

रौशन दिल वालों के नाम

इफ़्तिख़ार आरिफ़

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दिल की आँख से ख़ैर के सारे रौशन मंज़र देखने वालो!
हद्द-ए-नज़र तक फैली हुई सब रौशनियों सारे रंगों को

हात से छू कर देखने वालो!
बस्ती बस्ती गुलशन गुलशन हँसती हुई सारी हरियाली

सब शादाबी दिल के अंदर देखने वालो!
दिल के नूर ख़ज़ानों का एक एक चराग़ जलाए रखना

इमकानों के हर कूचे में उम्मीदों की हर मुंडेर पर
मुस्तक़बिल के हर रस्ते में ख़्वाब की जोत जगाए रखना

जुगनू सूरज चाँद सितारे
जब तक रौशन हैं ये सारे

हम आवाज़ दिए जाएँगे
तुम आवाज़ मिलाए रखना