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रद्द-ए-अमल | शाही शायरी
radd-e-amal

नज़्म

रद्द-ए-अमल

साहिर लुधियानवी

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चंद कलियाँ नशात की चुन कर
मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ

तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ