EN اردو
परफ़्यूम | शाही शायरी
parfum

नज़्म

परफ़्यूम

सिराज फ़ैसल ख़ान

;

तिरे परफ़्यूम की ख़ुश्बू
मेरी जानाँ

हमारे वस्ल पर पहले
गले लगने से

मेरे फेवरेट
स्वेटर पे

मेरे साथ आई थी
ये तेरे प्यार की

तन पे मिरे
पहली निशानी थी

जिसे अब तक
हिफ़ाज़त से

मिरी सारी
मोहब्बत से

सजा के मैं ने रक्खा है
ये ख़ुश्बू छूट ना जाए

इसी डर से
दोबारा

मैं ने उस स्वेटर को
पहना है

ना धोया है