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नज़्म | शाही शायरी
nazm

नज़्म

नज़्म

शबनम अशाई

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दुआ करना
मेरे दोस्त

हम अपने जुनून का
ख़ुद ही नौहा न लिक्खें

दुआ करना
मेरे दोस्त

एक दीवार
जो अब भी फ़सील-ए-फ़त्ह है

कोई सैलाब-ए-बला न बहा ले जाए
दुआ करना

मेरे दोस्त