जो लोग तुम से नफ़रत करते होंगे
अब कुछ तो करते ही होंगे
आख़िर किस बात पे नफ़रत करते होंगे
बहुत ढूँढी है मैं ने भी वो एक बात या वो सारी बातें
जो मेरे दिल में भी नफ़रत पैदा कर दें
ज़ियादा नहीं बस इतनी कि मैं सुकून से जी सकूँ
दो एक नुकीले ऐब
जिन से खुरच दूँ तुम्हारी तस्वीर उन आँखों से और चैन से सो जाऊँ
नज़्म
नफ़रत
गीताञ्जलि राय