मुझे कुछ देर सोना है
ज़माने चीख़ते हैं मेरे कानों में
ख़मोशी किस तरह होगी
मिरी आँखों में सूरज आ बसे हैं
रात कैसे हो
नज़्म
मुश्किल
साइमा इसमा
नज़्म
साइमा इसमा
मुझे कुछ देर सोना है
ज़माने चीख़ते हैं मेरे कानों में
ख़मोशी किस तरह होगी
मिरी आँखों में सूरज आ बसे हैं
रात कैसे हो