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मेरे स्कूल | शाही शायरी
mere school

नज़्म

मेरे स्कूल

मुनव्वर राना

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मेरे स्कूल मिरी यादों के पैकर सुन ले
मैं तिरे वास्ते रोता हूँ बराबर सुन ले

तेरे उस्तादों ने मेहनत से पढ़ाया है मुझे
तेरी बेंचों ने ही इंसान बनाया है मुझे

ना-तराशीदा सा हीरा था तराशा तू ने
ज़ेहन-ए-तारीक को बख़्शा है उजाला तू ने

इल्म की झील का तैराक बनाया है मुझे
ख़ौफ़ को छीन के बेबाक बनाया है मुझे

तुझ से शफ़क़त भी मिली तुझ से मोहब्बत भी मिली
दौलत-ए-इल्म मिली मुझ को शराफ़त भी मिली

शफ़्क़तें ऐसी मिली हैं मुझे उस्तादों की
परवरिश करता हो जैसे कोई शहज़ादों की

तेरी चाहत में मैं इस दर्जा भी खो जाता था
तेरी बेंचों पे ही कुछ देर को सो जाता था