एक क़याफ़े के माहिर ने मुझ से कहा
गहरी चालें चलना
और दुनिया को धोके में रखना
आसान नहीं है
लेकिन तू चाहे तो ये कर सकता है
तेरा चेहरा
इक हँसमुख
अहमक़
का चेहरा है
नज़्म
मेरा चेहरा
सलीम अहमद
नज़्म
सलीम अहमद
एक क़याफ़े के माहिर ने मुझ से कहा
गहरी चालें चलना
और दुनिया को धोके में रखना
आसान नहीं है
लेकिन तू चाहे तो ये कर सकता है
तेरा चेहरा
इक हँसमुख
अहमक़
का चेहरा है