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मेरा चेहरा | शाही शायरी
mera chehra

नज़्म

मेरा चेहरा

सलीम अहमद

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एक क़याफ़े के माहिर ने मुझ से कहा
गहरी चालें चलना

और दुनिया को धोके में रखना
आसान नहीं है

लेकिन तू चाहे तो ये कर सकता है
तेरा चेहरा

इक हँसमुख
अहमक़

का चेहरा है