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मशवरा | शाही शायरी
mashwara

नज़्म

मशवरा

परवीन शाकिर

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नन्ही लड़की
साहिल के इतने नज़दीक

रेत से अपने घर न बना
कोई सरकश मौज इधर आई तो

तेरे घर की बुनियादें तक बह जाएँगी
और फिर उन की याद में तू

सारी उम्र उदास रहेगी!