पसंद आएगा
आहंग
अक्स
पैकर
निकालोगे जो भी मअ'नी
वो सब तुम्हारे हैं
मेरा क्या
मैं तो हूँ
लफ़्ज़
नज़्म
मैं
आदिल रज़ा मंसूरी
नज़्म
आदिल रज़ा मंसूरी
पसंद आएगा
आहंग
अक्स
पैकर
निकालोगे जो भी मअ'नी
वो सब तुम्हारे हैं
मेरा क्या
मैं तो हूँ
लफ़्ज़