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लंगोटी छीन ली | शाही शायरी
langoTi chhin li

नज़्म

लंगोटी छीन ली

मोहम्मद यूसुफ़ पापा

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लोग कहते फिर रहे हैं
दोस्तो

मेहनत-कशों को
इक मुसावाती किसी उस्ताद ने

दे तो दी रोटी
लंगोटी छीन ली