EN اردو
ख़लल | शाही शायरी
KHalal

नज़्म

ख़लल

मोहम्मद अल्वी

;

हौज़ में
बे-हरकत

पानी की सतह पर
एक मेंडक

पाँव लमबाए
आराम से

ऊँघ रहा है!
अभी कोई

वज़ू करने आएगा
और

पानी में
हलचल मचाएगा!!