इज़हार मोहब्बत के लिए लाज़मी नहीं
कि फूल ख़रीदे जाएँ
किसी होटल में कमरा लिया जाए
या परिंदे आज़ाद किए जाएँ
इज़हार-ए-मोहब्बत के लिए तुम अपने बोसे
काग़ज़ में लपेट कर भेज सकती हो
जिस तरह मैं ने अपने जज़्बे
तुम्हें पोस्ट कर दिए हैं
नज़्म
इज़हार का मतरूक रास्ता
ज़ाहिद इमरोज़