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इत्तिफ़ाक़ | शाही शायरी
ittifaq

नज़्म

इत्तिफ़ाक़

निदा फ़ाज़ली

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हम सब
एक इत्तिफ़ाक़ के

मुख़्तलिफ़ नाम हैं
मज़हब

मुल्क
ज़बान

इसी इत्तिफ़ाक़ की अन-गिनत कड़ियाँ हैं
अगर पैदाइश से पहले

इन्तिख़ाब की इजाज़त होती
तो कोई लड़का

अपने बाप के घर में पैदा होना पसंद नहीं करता