खिड़की बंद करो आओ
आँखें मीच के सो जाओ
कल सूरज आएगा तो
किरनों की पिचकारी से
खिड़की के शीशे धो कर
ठंडे ठंडे कमरे में
तुम को सोया देखेगा
और बहुत झल्लाएगा!
नज़्म
इंतिक़ाम
मोहम्मद अल्वी
नज़्म
मोहम्मद अल्वी
खिड़की बंद करो आओ
आँखें मीच के सो जाओ
कल सूरज आएगा तो
किरनों की पिचकारी से
खिड़की के शीशे धो कर
ठंडे ठंडे कमरे में
तुम को सोया देखेगा
और बहुत झल्लाएगा!