EN اردو
गुज़ारिश | शाही शायरी
guzarish

नज़्म

गुज़ारिश

उरूज ज़ेहरा ज़ैदी

;

सुनो
बेज़ार सा रहना

किसी की बात न सुनना
किसी का भी

कहीं पर भी कोई एहसास न करना
बहुत सजता है तुम पे पर

तुम्हारे ऐसा करने से
जिसे तुम अपना कहते हो

वो तुम से रूठ जाता है
तुम्हारी बे-नियाज़ी से

मिरा दिल टूट जाता है