सुनो
बेज़ार सा रहना
किसी की बात न सुनना
किसी का भी
कहीं पर भी कोई एहसास न करना
बहुत सजता है तुम पे पर
तुम्हारे ऐसा करने से
जिसे तुम अपना कहते हो
वो तुम से रूठ जाता है
तुम्हारी बे-नियाज़ी से
मिरा दिल टूट जाता है
नज़्म
गुज़ारिश
उरूज ज़ेहरा ज़ैदी