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गगारिन | शाही शायरी
gagarin

नज़्म

गगारिन

मख़दूम मुहिउद्दीन

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मुबारक तुझे ओ ज़मीं के मुसाफ़िर
ज़मीन-ओ-ज़माँ की हदें तोड़ कर

आसमानों पे जाना
हवाओं से आगे ख़लाओं से आगे

मह-ओ-कहकशाँ की फ़ज़ाओं से आगे
मुबारक सितारों की चिलमन हटाना

सर-ए-ज़ुल्फ़-ए-नाहीद को छू के आना
दिल-ए-इब्न-ए-आदम की धड़कन सुनाना

मुबारक तुझे ओ ज़मीं के मुसाफ़िर
ज़मीन-ओ-ज़माँ की हदें तोड़ कर

आसमानों पे जाना