'अली-इफ़्तिख़ार' की माँ से मैं ने बता दिया है कि अपने बेटे को
तितलियों के क़रीब जाने से रोकिए
उसे रोकिए कि पड़ोसियों के घरों में झूले पड़े हुए हैं तो उस से क्या
उसे क्या पड़ी कि कबूतरों को बताए कैसे हवाएँ उस की पतंग छीन के ले गईं
'अली-इफ़्तिख़ार' की माँ से मैं ने बता दिया है कि अपने बेटे
को तितलियों के क़रीब जाने से रोकिए
कहीं यूँ न हो कि फिर एक बार भरी बहार में ए'तिबार के सारे ज़ख़्म महक उठें
कहीं यूँ न हो कि नए सिरे से हमारे ज़ख़्म महक उठें
'अली-इफ़्तिख़ार' की माँ से मैं ने बता दिया है कि अपने बेटे को
तितलियों के क़रीब जाने से रोकिए
नज़्म
एक था राजा छोटा सा
इफ़्तिख़ार आरिफ़