जीवन इक बे-अंत सफ़र है
दुनिया एक पराया घर है
उस घर के कोने खुदरों में
हम ने अपने ख़्वाब जमाए
बादल बोए दरिया पाए
दुख झेले और सुख फैलाए
धरती से आकाश को जोड़ा
इक मोहब्बत दिल में रक्खी
सारी उम्र उदासी चक्खी
नज़्म
एक मोहब्बत
ज़ीशान साहिल
नज़्म
ज़ीशान साहिल
जीवन इक बे-अंत सफ़र है
दुनिया एक पराया घर है
उस घर के कोने खुदरों में
हम ने अपने ख़्वाब जमाए
बादल बोए दरिया पाए
दुख झेले और सुख फैलाए
धरती से आकाश को जोड़ा
इक मोहब्बत दिल में रक्खी
सारी उम्र उदासी चक्खी