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एक दिन और ज़िंदा रह जाना | शाही शायरी
ek din aur zinda rah jaana

नज़्म

एक दिन और ज़िंदा रह जाना

अफ़ज़ाल अहमद सय्यद

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बहुत दूर एक साहिल पर
स्क्रेप से बने हुए एक जहाज़ का

बोवाइलर फट जाता है
सैकेंड-इन्जीनियर उसी दिन मर जाता है

थर्ड-इन्जीनियर
दूसरे दिन

और मैं
फ़ोरथ-इन्जीनियर

तीसरे दिन मर जाता हूँ
सैकेंड-हैंड जहाज़ों पर

फ़र्स्ट-इन्जीनियर नहीं होते
वर्ना

मैं एक दिन और ज़िंदा रह जाता