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ईजाज़ | शाही शायरी
ijaz

नज़्म

ईजाज़

सुलैमान अरीब

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लफ़्ज़ों को बे-कार न ख़ुर्चो
लफ़्ज़ों से पुल

पुल से नज़्में
नज़्मों से इज़हार-ए-अना के कितने दरीचे खुल जाते हैं

ईजाज़ से कह दो