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दुनिया | शाही शायरी
duniya

नज़्म

दुनिया

इफ़्तिख़ार आज़मी

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दुनिया एक कुँवारी माँ है
हम सब हैं ना-जाएज़ बच्चे

जो अपने नादीदा पिदर की हिर्स ओ गुनह के पछतावे को
अपने अपने कंधे पर लादे फिरते हैं

मरने की धुन में जीते हैं