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दुल्हन | शाही शायरी
dulhan

नज़्म

दुल्हन

ज़ीशान साहिल

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दुल्हन गंजी है दुल्हन गंजी है
लड़कियाँ तालियाँ बजाते हुए बोलीं

और देर तक ज़ोर ज़ोर से हँसती रहीं
कुछ औरतों ने उन्हें आहिस्ता से डाँटा

और दुल्हन के पास जा के उसे चुप कराने लगीं
वो रो रही थी

उस दिन से ले कर पूरे तीन बरस तक वो
आहिस्ता आहिस्ता खाँसते खाँसते और रोते रोते मर गई

उस की बेटी अब सोला बरस की है
ज़मीन को छूते हुए उस के

सियाह रेशमी बाल सब को हैरान करते हैं
उन लड़कियों को भी जो अपने बालों भरे

सफ़ेद सर की वजह से
अब दुल्हन नहीं बन सकेंगी