EN اردو
दिल अभी | शाही शायरी
dil abhi

नज़्म

दिल अभी

साहिर लुधियानवी

;

ज़िंदगी से उन्स है
हुस्न से लगाव है

धड़कनों में आज भी
इश्क़ का अलाव है

दिल अभी बुझा नहीं
रंग भर रहा हूँ मैं

खाका-ए-हयात में
आज भी हूँ मुंहमिक

फ़िक्र-ए-काएनात में
ग़म अभी लुटा नहीं

हर्फ़-ए-हक़ अज़ीज़ है
ज़ुल्म नागवार है

अहद-ए-नौ से आज भी
अहद-ए-उस्तुवार है

मैं अभी मरा नहीं