जिस्म पत्ता है फैली रगें ख़्वाहिशें
रंजिशें काहिशें
मौत इक भूत है
ज़िंदगी मेघ-दूत
वो भी है इक धुआँ
ये भी है इक धुआँ इक हवा
इस धुएँ में ये पत्ता उड़े जा-ब-जा
इस धुएँ में ये पहुँचे न जाने कहाँ
नज़्म
धुँद की काएनात
कृष्ण मोहन
नज़्म
कृष्ण मोहन
जिस्म पत्ता है फैली रगें ख़्वाहिशें
रंजिशें काहिशें
मौत इक भूत है
ज़िंदगी मेघ-दूत
वो भी है इक धुआँ
ये भी है इक धुआँ इक हवा
इस धुएँ में ये पत्ता उड़े जा-ब-जा
इस धुएँ में ये पहुँचे न जाने कहाँ