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चूड़ियाँ | शाही शायरी
chuDiyan

नज़्म

चूड़ियाँ

वर्षा गोरछिया

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जानते हो तुम
मुझे चूड़ियाँ पसंद हैं

लाल नीली हरी पीली
हर रंग की चूड़ियाँ

जहाँ भी देखती हूँ चूड़ियों से भरी रेड़ी
जी चाहता है तुम सारी ख़रीद दो मुझे

मगर तुम नहीं होते
ना मेरे साथ ना मेरे पास

ख़ुद ही ख़रीद लेती हूँ नाम से तुम्हारे
पहनती हूँ छनकाती हूँ उन्हें

बहुत अच्छी लगती है हाथों में मेरे
कहते रहते हो तुम

चुपके से कानों में मेरे
जानते हो तुम

मुझे चूड़ियाँ पसंद हैं